"डा. रमन की छवि अच्छी मगर सरकार की नही"


( रायपुर, 23 अप्रैल 2008, दोपहर 12 बजे)

कांग्रेस से कसडोल के विधायक राजकमल सिंघानिया छत्तीसगढ़ में अफसरशाही को भी एक मुद्दा मानते हैं। वे कहते हैं कि सरकार की गर्दन अधिकारियों के सामने झुकी हुई है। उनका कहना है कि डा. रमन सिंह की छवि बहुत अच्छी है, लेकिन उनकी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। वे यह भी कहते हैं कि सरगुजा की लड़कियों को महानगरों में बेचा जा रहा है जो छत्तीसगढ़ की अस्मत बिकने के समान है इसलिए इस सरकार को एक दिन भी बने रहने का हक नही है। सिंघानिया मानते हैं कि कांग्रेस के भीतर मतभेद हैं पर मनभेद नहीं। नेशनल लुक के लिए बबलू तिवारी ने उनसे चर्चा की-

0. आगामी विधानसभा चुनाव में आपकी पार्टी क्या-क्या मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएगी ?
00
. किसी भी चुनाव में दो बातें होती हैं। एक तो हमने क्या किया और दूसरी विपक्ष की विफलताएं। हमने क्या किया में हमारे पास राय गठन के बाद तीन साल की कांग्रेस सरकार का कामकाज हमारे पास है। जिसमें गुणवत्ता, पारदर्शिता के साथ वाजिब कीमत में विकास के अनेकों काम हुए। कांग्रेस सरकार की हर नीति समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने को लेकर बनाई गई थी। लोगों को उनके गांव में ही रोजगार मिले इसके लिए हर जगह राहत कार्य खोले गए थे। आज भी दौरे के समय ग्रामीण कहते हैं कि जोगी के राज में उनके घर में 2-3 क्विंटल चावल रहता था। हर क्षेत्र में विकास का काम हुआ था। उसके उलट भाजपा सरकार में भी विकास के कार्य हो रहे हैं, क्योंकि केंद्र से इस समय 10 हजार करोड़ रुए से अधिक पैसा प्रतिवर्ष पैसा आ रहा है। लेकिन यहां हर काम में भ्रष्टाचार हो रहा है। एक तो एक रुपए का काम यह सरकार चार रुपए में कर रही है। ऊपर से किसी काम में गुणवत्ता और पारदर्शिता नही है। सारे काम भाजपा के लोगों को नियम-कानून को ताक में रखकर दिए जा रहे हैं। पूरा प्रदेश जानता है कि जोगी के समय गिरौदपुरी में कुतुबमीनार से उंचा जैतखाम बनाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए बजट में 10-12 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था। तीन साल तक सोए रहने के बाद चुनाव नजदीक आने पर इनके ऊपर दबाव बढ़ा। सरकार को सतनामी समाज और अनुसुचित जाति की याद आई। इन्होंने भी 17 करोड़ रुपए में जैतखाम बनाने की घोषणा की, इसके लिए गुपचुप तरीके से टेंडर बुलाए। तीन में से दो टेंडर को डिसक्वालीफाई कर दिया गया और रातोंरात एक टेंडर की राशि 17 करोड़ से बढ़ाकर 52.5 करोड़ कर दी। जबकि नियमत: सिंगल टेंडर को काम नहीं दिया जा सकता। काम देना तो छोड़िए इन्होंने रकम भी बढ़ा दी। एनयूटी में भी यही किया गया 1500 किमी की सड़क बनाने के लिए पहले 7-8 हजार करोड़ का बजट रखा गया था उसे रातोंरात बढ़ाकर 17 हजार करोड़ कर दिया गया। विधानसभा में जब हमारी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया तो मंत्री का जवाब था कि टंकण की त्रृटि की वजह से 7 से 17 हजार करोड़ रुपए हो गया। जबकि10 हजार करोड़ रुपए के यादा का एग्रीमेंट कर लिया गया और 15 सौ किमी से उसे बढाकर 25 सौ किमी कर दिया गया। तब यह टंकण त्रृटि कैसे हो सकता है। लेकिन सरकार ने विधानसभा में टंकण त्रृटि बताकर सिे सुधार लिया। इस तरह यह सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। गांव, गरीब, किसान की बात करने वाली भाजपा सरकार में किसी की सुनवाई नही है। केंद्र सरकार की रोजगार गारंटी योजना लागू होने से पहले बताएं कि कहां किस विधानसभा और किस ग्राम पंचायत में मजदूरों के लिए काम शुरू किया गया। मजदूरों को बंद लारी में भरकर भाजपा नेता पलायन करवा रहे हैं। किसानों को पानी, खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। जिस प्रदेश का श्रम बिक रहा है, जिस प्रदेश की अस्मत बिक रही है, सौ से अधिक लड़किया सरगुजा से गायब हो गई, हमने विधानसभा में सवाल पूछा तो मंत्री कहते हैं कि यह तो होते रहता है। माइनिंग का अधिकार फर्जी कंपनियों को बेचा गया है और उन्हें बचाने का उपाय यह सरकार कर रही है। जो सरकार जिस प्रदेश का राजस्व, अस्मिता बेच जा रही है उसे सत्ता में एक दिन भी रहने का हक नही है। हम इन्हीं सब मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे।

0. आप बोल रहे हैं कि हर विकास के काम में केंद्र के पैसे का दुरूपयोग और भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन जनता को तो बहुत सारे विकास कार्य होते दिख रहे हैं। जनता को यह कैसे समझाएंगे?
00. देखिए अगर केंद्र से एक हजार करोड़ रुपए सर्वशिक्षा अभियान के लिए आ रहे हैं तो कुछ काम तो दिखोगा ही। सड़क के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो कुछ काम तो दिखेगा ही। लेकिन जनता देख रही हैं कि सड़कों की गुणवत्ता कैसी है। ठेकेदार कौन है, सब भाजपा के हैं। कितने यादा कीमत पर सड़क बनाई जा रही है। केंद्र से 10.5 हजार करोड़ का बजट इस साल दिया गया है। उसे इन्हें खच4 करना है। इसके लिए काम तो करना ही पड़ेगा। इससे विकास भी दिखेगा, लेकिन इसमें जो भ्रष्टाचार किया जा रहा है ुसे जनता देख, जान रही है। पूरी सरकार अधिकारी चला रहे हैं, ये उन्हें कस नहीं सकते क्योंकि उन्हीं के माध्यम से ये सारे भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ये दबाव कैसे डालेंगे। अधिकारियों के सामने इनकी गरदन झुकी रहती है। जनता को सब पता है।

0. आप व्यक्तिगत रूप से पलायन का मुद्दा विधानसभा और अन्य मंचों पर लगातार उठाते रहे हैं। भाजपा सरकार को इसमें कहां खड़ा पाते हैं?
00. केंद्र की रोजगार गारंटी योजना एक ऐसा माध्यम है कि अगर इसका सफल क्रियांवयन हो तो किसी भी गांव से किसी भी घर से पलायन नहीं होगा। पलायन का मतलब सिर्फ लोगों का पैसे के लिए बाहर जाना नही हैं। बल्कि उसके साथ उसका पूरा परिवार, महिला, जवान बच्चे, बच्चिया सब बाहर जाते हैं। जहां पैसे के साथ ही बाहर इनका शारीरिक और मानसिक शोषण तो होता ही है। इनकी अस्मत का भी शोषण होता है। छत्तीसगढ़ी अस्मिता का शोषण होता है। रोजगार गारंटी में कम से कम 100 दिन का काम दिए जाने की बात कही गई है।अधिकतम में आपको 365 दिन तक काम दिया जा सकता है। लेकिन हमारे यहां राय शासन उन कामों को खोल नहीं रही है। जितने रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं उन्हें काम नहीं दिया आड़ लगाया जा रहा कि जहां से काम मांगा जाएगा वहां काम खोला जाएगा। जबकि हर एक ब्लाक और ग्राम पंचायत से 5-10 काम का प्रस्ताव जमा है। लेकिन सरकार कहती है कि बेरोजगार कलेक्टर को पत्र लिखकर काम मागेगा तो काम खोला जाएगा। अब हमारे यहां के गरीब मजदूर जिनका की पंजीयन हुआ है उन्हें न तो इतनी जानकारी है और न समझ है कि वह कलेक्टर पत्र लिखे। अब आप कहते हैं कि आपके यहां से काम मांगा नहीं गया इसलिए 100 दिन का मुआवजा नहीं देंगे। जबकि ग्राम पंचायतों के माध्यम से काम मांगे गए हैं। यह सरासर अन्याय है। इसी के चलते लोग पलायन करते हैं, आखिर गरीब परिवार को दो जून खाने के लिए तो चाहिए ही? फिर उनका बंधन-शोषण होता है। इसे तो हम जानते हैं। मैने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में कम से कम 20 टीमें भेजकर जम्मू-कश्मीर, कलकत्ता, यूपी, नागपुर, महाराष्ट्र आदि से लोगों को छुड़ाया। एक-एक जगह से 20-40 लोगों को छुड़ाया गया। कोई जानबुझकर अपना शोषण कराने थोड़ी जाएगा। अगर आपको अपने घर में 500 रुपए का काम मिलेगा तो आप बाहर 2000 हजार का काम करने नहीं जाएंगे। यहां सरकार जानबूझकर काम नहीं खोल रही है। जबकि केंद्र से पूरा पैसा मिल रहा है। रोजगार में परावधान है कि हर हफ्ते काम का भुगतान किया जाएगा। मैं पूरी चुनौती से कहता हूं कि सभी जगह लोगों को 2-3 महीने हो गए हैं काम किए हुए किसी को भुगतान नहीं मिला है। मैंने प्रमाण के साथ कलेक्टर, प्रभारी मंत्री, सीओ जिला पंचायत को इस बारे में लिखा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब जब भुगतान नहीं होगा तो वैल्युवेशन नहीं होगा तब तक काम की समाप्ति नहीं घोषित की जा सकती और जब तक काम की समाप्ति नहीं होगी, नया काम नहीं खोला नहीं जा सकता। इसे जानबूझकर भाजपा कर रही है। क्योंकि उसे डर है कि केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा अगर जनता को मिला तो उसका परिणाम चुनाव में उलटा हो सकता है। भ्रष्टाचार के लिए ये लोग बोगस मस्टररोल भरा जा रहा है, इसे मैं दिखा सकता हूं। इसमें मशीनों और ठेकेदारी प्रथा से काम नहीं करवाया जा सकता, लेकिन मैं दिखा सकता हूं कि कहां-कहां यह हो रहा है। दस लाख के काम के लिए 30-30 लाख का एस्टीमेटबनाया गया है। बचे 20 लाख तो भ्रष्टाचार में ही जाएगा ना।

0. कांग्रेस में गुटबाजी की  बात  सामने आती रहती हैं। इसका चुनाव में क्या प्रभाव पड़ सकता है?
00. कांग्रेस बहुत बड़ा परिवार है। बड़े परिवार में मतविभिन्नताएं तो रहती ही हैं। कांग्रेस में मनभेद नही है यहां मतभेद है। चुनाव में वोट जनता को देना है और वह सोनिया जी का काम देख रही है, केंद्र की यूपीए सरकार का काम देख रही है, साथ ही राय सरकार का काम भी देख रही है। वह आपना आंकलन कर चुकी है क्योंकि वह भाजपा सरकार की अकर्मण्यता, निष्क्रियता,भ्रष्टाचार देख रही है। कांग्रेस में थोड़ा बहुत वादविवाद है, मतविभिन्नता है इससे जनता को फर्क नहीं पड़ता वह अपना मन बना चुकी है।

0. डा. रमन की जो छवि है, उसका चुनाव में भाजपा को कोई लाभ मिल सकता है क्या ?
00. डा. रमन की व्यक्तिगत छबि बहुत अच्छी है। सहज, सरल आदमी हैं। राजनीति से अलग हटकर काम करने की सोच रखते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से उनकी इस स्वभाव का प्रशंसक हूं। पर पांच साल के कार्यकाल में जनता को क्या मिला? गरीब को क्या मिला? चुनाव में जनता इस बात का आंकलन करती है। उसे डा. रमन की छबि से कोई लेना-देना नही है। आज जनता यह देखती है कि उसके गांव में कितनी सड़क बनी, सिंचाई की क्या व्यवस्था हुई, राशन दुकान में सामान मिल रहा है कि नहीं। वह किसी का व्यक्तित्व देखकर वोट नहीं देती।

0. अभी जो वेदांती वाला मामला सामने आया है, उससे क्या नहीं लगता कि भाजपा गुजरात पैटर्न यहां लागू करना चाहती है?
00. निश्चित रूप से वह ऐसा प्रयास कर रही है, वह धार्मिक उन्माद उभारना चाहती है। जो कि छत्तीसगढ़ की फिजा और सदभावना के लिए बहुत गलत होगा। राजिम जो कुंभ का मेला एक धार्मिक मेला है। वह न किसी पार्टी का है और न किसी सरकार का। सरकार की जिम्मेदारी वहां व्यवस्था की है। उसे इन्होंने भाजपा का मंच बना दिया। छत्तीसगढ़ में जो प्रचलित धर्म है उसमें बाबा घासीदास, गुरू कबीरदास आदि धर्मों के बहुत सारे अनुयायी हैं। वहां सिर्फ एक धर्म और भाजपा से जुड़े धर्माचार्यों को ही बुलाया गया। वेदांती तो शुध्द रूप से भाजपाई हैं। जिन्हें रिश्वत के मामले में हटाया गया। वे ऐसे लोगों को बुला रहे हैं जिन्हें शर्म के मारे कहीं आना-जाना नहीं चाहिए और ऐसे लोग मंच से नैतिकता की बात करते हैं।हालांकि छत्तीसगढ़ की जो संस्कृति है उसमें इसे कहीं से भी प्रश्रय नहीं मिलता है। जनता के सामने भाजपा का यह प्रयास खुल गया है और उसे बहुत निंदनीय करार दिया है। इसका खामियाजा भाजपा को चुनाव में पता चलेगा। गुजरात जैसा पैटर्न यहां नहीं चल सकता।

0. आप कसडोल के विधायक हैं। अगले चुनाव में कसडोल की जनता के बीच अपनी क्या उपलब्धि लेकर जाएंगे? साढ़े चार साल के कार्यकाल में अपनी क्या उपलब्धि मानते हैं? लोगों कहते हैं राजकमल बड़े आदमी हैं, जमीन के व्यापारी हैं, जनता के लिए समय कैसे निकालते हैं?
00. मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि कसडोल की जनता से मिले भरपूर प्यार, सहयोग, आर्शीवाद को मानता हूं। मैंने अपनी विधानसभा के सभी 325 गांवों में जाने का प्रयास किया। हर गांव में मैं दो से लेकर दस-दस बार तक जा चुका हूं। मेरा प्रायस रहता है कि सभी से लोगों से मिलूं। रही बात कार्यों की तो एक विधायक का जो अधिकार और दायित्व होता है उसे मैंने पूरा निभाने का प्रयास किया। अपने इलाके में केंद्र की सभी योजनाओं को लागू करवाने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया। रही बात बड़े आदमी की तो मैंने 15 साल से व्यापार छोड़ दिया है, मैंने 7-8 साल से कोी जमीन नहीं खरीदी है। मैं अपना पूरा समय समाजसेवा और अपने क्षेत्र की जनता को देता हूं। लोगों को शहर में मेरी जमीन देखकर ऐसा लगता है, लेकनि वह मेरी पुश्तैनी जमीन है। उसकी हिफाजत तो मैं करूंगा ही। मैंने जब तक धंधे में सक्रिय रहा तब तक कोई अनैतिक काम करके और गरीब का शोषण करके धन नहीं कमाया। कसडोल की जनता को भी पहले लगा था कि सिंघानिया जी बड़े आदमी हैं, चुनाव जीतने के बाद लौटकर आएंगे की नहीं। अगले चुनाव में मेरा काम जनता बताएगी। मेरी उपलब्धियों में कसडोल में सौ बिस्तर का अस्पताल, प्रत्येक वर्ष करीब सौ करोड़ रुपए की सड़कों का निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों की बिल्डिंग समेत लगभग सभी विभागों से पूरा काम करवाया। मैं दावे से बोल सकता हूं कि जितना एक भाजपा का विधायक अपने क्षेत्र में काम करवाया होगा मैंने उससे यादा काम करवाया है। हालांकि भाजपा सरकार ने काम रोकने और पेंडिंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन मैं अपने व्यक्तिगत संबंधों और काम के पीछे पड़कर उसे पूरा करवाया।


0. भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति के लिए क्या काम हुए हैं? छ्तीसगढ़िया के साथ क्या दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है?
00. संस्कृति और पर्यटन में काम तो हो रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार यहां भी हावी है। जहां तक छत्तीसगढ़िया की स्थिति की बात है, मैंने 15 साल पहले इस बात को उठाया था कि यहां जो उद्योग या संस्था हैं उनमें स्थानीय लोगों को नौकरी देने का प्रावधान होना चाहिए। रही बात संस्कृति रक्षा की तो जनता ने राजिम मेले में देख लिया है। भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा इसमें कोई शक नही है।





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