मेरा बयान बहस का मुद्दा

( रायपुर, 24 नवंबर 2008, दोपहर 12 बजे)
कुरूद के एक किसान परिवार में जन्में अजय चंद्राकर राज्य में सत्तासीन रमन सरकार में केबिनेट मंत्री हैं। वे इस सरकार के सबसे विवादास्पद मंत्री माने जाते हैं। उनके विभागों में भ्रष्टाचार के साथ-साथ उनके व्यवहार व बोलचाल के तरीकों पर विपक्ष बराबर हमले करते रहा है। उनके कई बयानों पर पूरे प्रदेश में हडक़ंप मच चुका है। श्री चंद्राकर विपक्ष के ऐसे हमलों को ज्यादा तवज्जों नहीं देते हैं। वे कहते हैं कि राजनीतिक जीवन में आरोप-प्रत्यारोप तो लगते रहते हैं, वर्किंग डिपार्टमेंट के मंत्रियों पर शुरू से आरोप लगते रहे हैं। लेकिन उनके खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए हैं उनमें से किसी को सही साबित करने के लिए विपक्ष के पास एक भी सबूत नहीं हैं। उन पर लगे सभी आरोप तथ्यहीन तथा भ्रामक प्रचार है। हां निजी जीवन पर की जाने वाली छींटाकशी उन्हें व्यथित जरूर करती है। वे कहते हैं कि मैं अपने आंदोलन, संघर्ष और पार्टी द्वारा दिए गए अवसरों की वजह से यहां तक पहुंचा हूं। रही बात मेरे बयानों की तो मैंने जो बातें कही वह बहस का विषय है। मेरा पूरा भाषण सुनने के बाद अगर कोई प्रतिक्रिया दे और मुझसे बहस करे तब मैं मानूंगा कि मेरी भावनाएं सही हैं या उनकी। उनका कहना है कि इन तथ्यहीन आरोपों से आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। चुनाव भाजपा की ओर से सुशासन और विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। तमाम ठाट-बाट के बाद भी विशुद्ध ग्रामीण रहन-सहन वाले श्री चंद्राकर के मुताबिक डा. रमन सिंह के कार्यों के परिणाम कुछ दिनों में देखने को मिलेंगे तब लोग उन्हें प्रदेश के विकास के इतिहास पुरुष के रूप में याद करेंगे। वे कहते हैं कि अगर छत्तीसगढ़ को विकास के शिखर पर ले जाना है तो गरीबी उन्मूलन और प्रशिक्षित मानव संसाधन पर ध्यान देना होगा जो उनकी सरकार कर रही है। वे एक ही काम को कई विभागों द्वारा किए जाने को सिस्टम की कमी मानते हैं तथा अगली बार जनता और पार्टी द्वारा मौका दिए जाने पर इसे एक विभाग के अंतर्गत लाएंगे। लोगों की मदद करने के बाद मिले आशीर्वाद को ही सार्वजनिक जीवन की सफलता मानने वाले श्री चंद्राकर आबादी के उन 45 प्रतिशत लोगों को सम्मानजनक जिंदगी देने का सपना देखते हैं जो गरीबी रेखा के नीचे हैं। वे पिछली सरकारों से दस गुना ज्यादा काम करने का दावा करते हैं तथा अभी तक कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए। कुरूद से दूसरी बार विधायक निर्वाचित तथा प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर से आज की जनधारा के लिए बबलू तिवारी ने गत बुधवार को उनकी महासमुंद यात्रा के दौरान लंबी चर्चा की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
0 पिछले पांच साल से राज्य में भाजपा की सरकार है, पंचायत और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग के आप कैबिनेट मंत्री हैं। विधानसभा चुनाव में आप अपनी क्या उपलब्धियां बताना चाहेंगे?
00 सबसे महत्वपूर्ण काम हमारी सरकार का यह रहा कि हमने पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार संपन्न बनाने के लिए पंचायती राज विधेयक में संशोधन किया। जिसके तहत महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाया गया, साक्षरता को जोड़ा गया, स्वच्छता को जोड़ा गया, इनक्रोचमेंट को जोड़ा गया, खाद्यान्न सुरक्षा को जोड़ा गया, 1 क्विंटल अनाज रखने के लिए कानून बनाया गया। यह महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसले थे पंचायती राज संस्थाओं के लिए। ग्रामीण अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए। महिलाओं के लिए निर्मला घाट बनना, सीसी रोड बनना, गौठान बनना, गार्डन बनना, कांजीहॉउस पूरे नोटिफिकेशन होना तथा सभी पंचायतों में बनना शुरू होना, उचित मूल्य की दुकान के लिए पंचायत भवन बनाना, जिला पंचायत-जनपद पंचायत भवन बनाना, खेल मैदान बनाना ये सारे विषय ऐसे रहे जिसने गांव को शहर की तरह विकसित करने के सपने का विश्वास गांव वालों के मन में पैदा किया। उन्हें लगा कि यह सरकार गांव वालों के उत्थान के लिए कुछ कर रही है। इससे महत्वपूर्ण बात गरीबी से लड़ाई। एक लाख लोगों के लिए नवा अंजोर योजना का संचालन कर उनको गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का संकल्प, 53 हजार से ऊपर स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ऩे का एवं उनको स्थायी रोजगार प्रदान करने की योजनाएं बनाने और संचालित करने का काम ताकि छत्तीसगढ़ को गरीबीमुक्त बनाने की ओर कदम बढ़ सके। यह महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं।
0 पूरे रमन सरकार की इन पांच सालों में बड़ी उपलब्धियां क्या रहीं?
00 बड़ी उपलब्धियों में सबसे बड़ी है भयमुक्त शासन, कहीं और किसी आदमी के अंदर दहशत नहीं है कि सरकार परेशान करेगी बिना वजह और यह समाज के सभी वर्गों के लिए रहा। दूसरी जो महत्वपूर्ण बात है वो है बिजली पर आत्मनिर्भर होना। सुनिश्चित सिंचाई का प्रतिशत बढऩा। रूरल कनेक्टिविटी लगभग 40 प्रतिशत से ऊपर हो गई। इस साल के बाद हम राष्ट्रीय औसत के समीप पहुंच जाएंगे। निवेश बड़ी मात्रा में हुआ। रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई। भर्तियों पर प्रतिबंध था। सवा लाख से ऊपर लोगों को हमने नौकरी दी। जो नीचे तबके के लोग हैं और जो जरूरतमंद थे, चाहे तेंदुपत्ता का बोनस हो, साल बीज के समर्थन मूल्य का मामला हो, चरणपादुका वितरण हो, चाहे नाई-धोबी समाज के लिए दुकानें बनाने का निर्णय हो, मुफ्त में किताबें देने की योजना हो, सरस्वती साइकिल योजना हो। इसके परिणाम बहुत अच्छे आएंगे। एक मजबूत अधोसंरचना की बुनियाद इस सरकार ने छत्तीसगढ़ में डाली हैं।
0 पिछली जो सरकारें थी अविभाजित मध्यप्रदेश में, उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के 16 जिलों में किए गए कार्यों तथा आपकी सरकार के कार्यकाल में क्या फर्क आप महसूस करते हैं?
00 निरपेक्ष रूप से कहूं तो इन 16 जिलों में कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुआ। हर क्षेत्र में क्षेत्रीय असंतुलन व्याप्त था। 44 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति, जनजाति थीं यानी लगभग आधी आबादी अपने विकास के अवसरों से वंचित रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात इस क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना था। इसी असंतुलन के कारण छत्तीसगढ़ नक्सली आतंक के चपेट में आया। उसके लिए इस सरकार में प्रयास शुरू हुए। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मैं शिक्षा के घटक को मानता हूं। हमने 6 यूनिवर्सिटी बनाई। 30 से ऊपर कॉलेज खोले, 30 से ऊपर आईटीआई खोले और लगभग ये सभी आदिवासी क्षेत्रों में खोले गए। जब वे शिक्षित होंगे तभी अपने लिए किसी भी तरह की सुविधा जो सरकार उन्हें देती है, आरक्षण में, रोजगार में उनका लाभ उठाने के लायक और अपनी समस्याओं को सुलझाने के लायक बन पाएंगे। इस दृष्टि से देखा जाए तो दो-तीन मुख्यमंत्री यहां से मप्र के समय बने पर छत्तीसगढ़ के मामले में वो पूरी तरह से असफल रहे।
0 पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री ये चार विभाग आपके पास हैं। इन विभागों में आपने कौन से ऐसा काम किया जिससे आपको बहुत संतोष मिला कि ये बहुत अच्छा काम हुआ जो पिछली सरकारें नहीं कर पाई?
00 पंचायत में जो हमने महत्वपूर्ण संशोधन किए, उसमें महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना, खाद्यान्न की सुरक्षा, साक्षरता को शामिल करना, अवैध कब्जों को उम्मीददवारों के अर्हता में शामिल करना, स्वच्छता को जोडऩा, ये सभी मुझे व्यक्तिगत संतोष देते हैं। ग्रामीण विकास में जो सबसे महत्वपूर्ण बात हैं कि आज की तारीख में विशेष पिछड़ी संरक्षित जनजातियों के लिए राज्य सरकार के मद से 50 करोड़ रुपए दिए गए हैं ताकि उनको शत-प्रतिशत आवास से कवर करे। नवा अंजोर योजना से 1 लाख लोग लाभान्वित हुए। गरीबी उन्मूलन और पंचायत की अधोसंरचना ये ऐसी चीजें हैं जिसमें कोई सरकार बदलाव करने का साहस नहीं कर सकती। ये महत्वपूर्ण संतोष देने वाली बात रही। स्कूल शिक्षा की बात करें काम करते हुए मुझे थोड़ा समय हुआ है लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि मानव प्रबंधन नीति बनाने का हमने काम किया। सभी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करने का काम किया मीडिल स्कूल तक को हम फर्नीचर देंगे, बिजली देंगे, पंखे देंगे, मुफ्त किताब देंगे, साइकिल देने से लड़कियों का शिक्षा का स्तर 60 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक आ गया। इसमें भी महत्वपूर्ण है सेटअप का स्वीकृत होना। आज तक शिक्षा विभाग का कोई सेटअप नहीं था। सारे पद रिक्त पड़े थे, पदोन्नतियां रुकी हुर्इं थीं। इससे रोजगार के अवसर लोगों के लिए निर्मित हुए। हमने इस अधोसंरचना को मजबूत किया। पद भरने के बाद, पदोन्नतियों के बाद, ट्रेनिंग के बाद, अच्छे स्कूल भवन के साथ छत्तीसगढ़ में क्वालिटी एजुकेशन बढ़ेगा। लगभग इन साढ़े चार सालों में सिर्फ स्कूल शिक्षा विभाग ने 400 से ऊपर नए स्कूल खोलें। पहले तो जनभागीदारी के नाम से दुकानें खोल दी गईं थी। ये सभी संतोष देने वाली बातें रहीं। संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर हम देखें तो संसदीय कार्यमंत्री का दायित्व राज्य सरकार और विधानसभा के बीच सेतु का काम है पर एक भी विषय में सरकार को इन पांच सालों में कांग्रेस पार्टी नहीं घेर पाई है। यह फ्लोर मैनेजमेंट था। यदि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठे और अध्यक्ष जी ने उनपर किसी जांच के लिए कहा भी तो ध्यान रखने वाली बात है कि ये मुद्दे भाजपा विधायकों ने उठाए थे। कांग्रेस का कोई भी विधायक जनहित के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने में विफल रहा।
0 आप उच्च शिक्षा विभाग के भी मंत्री रहे हैं उसमें आपकी क्या उपलब्धियां हैं जिन्हें आप बताना चाहेंगे?
00 उच्च शिक्षा में जो सबसे बड़ा मुद्दा था वह क्षेत्रीय असंतुलन का था। छत्तीसगढ़ में निवेश हो रहे हैं और उसके हिसाब से मानव संसाधन तैयार करने के लिए हमारी संस्थाएं सक्षम नहीं हैं। संस्थाओं को सक्षम बनाने के लिए काम किया गया। मैंने अपने कार्यकाल में तीन नई यूनिवर्सिटी बनाई। स्वतंत्र भारत के किसी भी राज्य में एक साथ एक दिन में तीन यूनिवर्सिटी नहीं बनी। एनआईटी हमनें बनाई। कोरबा व रायपुर में नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोला। सब्जेक्ट की संख्या बढ़ी, कॉलेज, आईटीआई, रिजनल साइंस सेंटर जिनको आगे चलकर हम साइंस सिटी भी बनाएंगे। ये सभी ऐसे संस्थान हैं जिससे छत्तीसगढ़ में प्रशिक्षित मानव संसाधन बनेगा और इससे हम सामाजिक असंतुलन से लड़ पाने में सफल होंगे।
0 इन विभागों में ऐसा कौन सा काम है जो आप करना चाहते थे पर आप नहीं कर पाए। छत्तीसगढ़ की जनता यदि भाजपा को वापस लाती है और आप इन्हीं विभागों के मंत्री बने तो आप क्या करना चाहेंगे?
00 मैं शिक्षा विभाग में दो काम करना चाहता था। जिसमें पूरी शिक्षा नगर निगम, जिला पंचायत, आदिम जाति कल्याण विभाग, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा को मिलाकर एक एचआरडी (ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट) बनाने का सपना था। अगली सरकार आएगी तो मैं निश्चित रूप से ये काम करना चाहूंगा। ग्रामीण विकास में मेरी रूचि गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में ज्यादा रही। 53 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं उनको ट्रेनिंग देना, आर्थिक गतिविधियों से जोडऩा, मार्केटिंग से जोडऩा, टे्रनिंग के लिए अच्छे संस्थान उपलब्ध कराना, इन कामों को जिस गति से होना चाहिए था उन्हें मैं उस गति से नहीं कर पाया। लेकिन पिछली सरकार के मुकाबले इस क्षेत्र में भाजपा सरकार की उपलब्धियां दस गुना ज्यादा रही। गरीबी उन्मूलन को राज्य का प्रमुख एजेंडा बनाने की मेरी इच्छा है।
0 आपने दस गुना ज्यादा काम किया है फिर भी संतोष नहीं मिल पाया क्यों?
00 45 प्रतिशत गरीबी रेखा के लोगों को सम्मानजनक जिंदगी देना और उसे घटाकर 20 प्रतिशत करना। और आने वाले 10 सालों में इसे शून्य पर ले आना। यही सपना मैं देखता हूं यदि मैं यह विभाग संभालता हूं।
0 उच्च शिक्षा पर कुछ टिप्पणी करना चाहेंगे?
00 उच्च शिक्षा में प्रबंधन के संस्थान, इंजीनियरिंग कॉलेज, व्यावसायिक वोकेशनल कोर्स, मेडिकल क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन के जो कोर्स के संस्थान हैं वो खुलें। मानव संसाधन हम जितना तैयार करेंगे राज्य भी उतना ही विकसित होगा। ये मेरा मानना है।
0 आपने विदेश यात्रा की हैं?
00 मैंने मंत्री के रूप और न पहले कभी भी विदेश यात्रा नहीं की है।
0 विदेश में क्या है जो छत्तीसगढ़ में होना चाहिए, ग्रामीण परिवेश और शहरी परिवेश में देखा जाए तो?
00 देखिए विदेश का मतलब अलग-अलग क्षेत्रों से है। अफ्रीका के देश अलग हैं, अरेबियन के देश अलग हैं। यूरोप अलग है, साउथ-नार्थ अमेरिका अलग है। छत्तीसगढ़ को तो अपना मॉडल अपनी जरुरतों के हिसाब से विकसित करना चाहिए। वो अपने देश, भूगोल, काल, परिस्थिति के अनुसार विकसित हुईं हैं, हमारे पास प्राकृतिक संसाधन है, मानव संसाधन है इससे हम बड़ी उपलब्धियां पा सकते हैं, थोड़ा सा समय लगेगा लेकिन छत्तीसगढ़ बुलंदियों पर होगा।
0 आगामी विधानसभा चुनाव किन-किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा?
00 हमारे तरफ से सिर्फ और सिर्फ सुशासन के मुद्दे पर, विकास के मुद्दे पर। छत्तीसगढ़ में जो तेजी के साथ विकास हुआ, जो आत्मविश्वास लोगों में पैदा हुआ और जो भयमुक्त शासन हमने लोगों को दिया। ये मुद्दा आगे भी चलेगा। और केंद्र सरकार की जो विफलताएं हैं उसमें भी छत्तीसगढ़ को जो सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही हैं, वो हैं महंगाई, गरीबों के गेहूं-अनाज के कोटे को आबंटित नहीं करना, बिजली काट देना। इसको केवल अन्याय कहा जा सकता है नए राज्य के साथ। ये हमारे प्रमुख मुद्दे होंगे।
0 आपके हिसाब से कांग्रेस को इस चुनाव में क्या फायदा मिल सकता है?
00 कांग्रेस के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं लगता, क्योंकि सबकुछ वहां केंद्रीकृत है, आम जनता का तो कोई रोल ही नहीं है। एक व्यक्ति का रोल है, तो उसके बारे में क्या बोल सकता हूं।
0 कहते हैं कांग्रेस में गुटबाजी है, कांग्रेसी नेताओं में महत्वाकांक्षा की लड़ाई चल रही है, उससे भाजपा को क्या फायदा हो सकता है?
00 भाजपा खुद अपने दम पर सरकार बनाएगी। दूसरी पार्टियां क्या कर रही हैं, किसी अंतर्कलह से जूझ रही हैं ये उनका घरेलू मामला है। हम अपनी ताकत पर सरकार बनाएंगे।
0 छत्तीसगढ़ के बारे में आपकी क्या कल्पनाएं हैं? किस दिशा में जा रहा है छत्तीसगढ़ ?
00 छत्तीसगढ़ में मैं जो प्रमुख रूप से सोचता हूं उसमें गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम प्रमुख रूप से चलना चाहिए, सिंचाई का प्रतिशत बढऩा चाहिए। मानव संसाधन तैयार करने की तरफ बढऩा चाहिए, संसाधनों के दोहन के बारे में दीर्घकालिक योजनाएं बननी चाहिए। कृषि का रकबा कम नहीं होना चाहिए। हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर बने इसके लिए हम अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाएंगे।
0 डॉ.रमन सिंह की जो सरल वाली छवि है उसका भाजपा को चुनाव में क्या फायदा मिलेगा?
00 डॉ.रमन सिंह की सरल वाली छवि नहीं है वो असल में सरल आदमी ही हैं। उनकी यह छवि बनाई नहीं गई है बल्कि उनके व्यक्तित्व की यह विशेषता है। वो सरल-सहज आदमी हैं। वो पार्टी के नेता हैं और उनकी यह छवि सम्पत्ति है पार्टी के लिए। पार्टी को इसका फायदा अब तक मिला है और निश्चित रूप से आगे भी मिलेगा।
0 जाति के आधार पर जो राजनीति छत्तीसगढ़ में पनप रही है उसका क्या भविष्य देखते हैं आप?
00 भाजपा की विचारधारा में है सामाजिक समरसता। किसी भी जाति-समाज के नेता हों लंबे समय तक जाति की राजनीति नहीं चला सकते। विचारधारा की राजनीति ही हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाएगी, छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाएगी और उसी से देश-प्रदेश में खुशहाली आएगी।
0 जिन राज्यों में जाति की राजनीति हो रही है उसे किस नजरिए से देखेंगे आप?
00 यूपी-बिहार का जो हाल है, पूरा देश जानता है। इसलिए वहां के लोग भी अच्छी सरकार और अच्छे विकास कार्यों के प्रति ललक दिखाते हैं। हम लोग चुनाव प्रचार में वहां गए हैं और इसे देखा है। वे लोग भी इस तरह की राजनीति से ऊब चुके हैं।
0 राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ के लोगों में क्या बदलाव पाते हैं आप?
00 छत्तीसढिय़ा का एक लाइन में मतलब है - जो छत्तीसगढ़ के लिए जीता है, मरता है, सोचता है वो छत्तीसगढिय़ा है। इसमें कुछ शोषक भी हो सकते हैं पर मूल छत्तीसगढ़ के जो लोग हैं स्वाभाविक रूप से सरल हैं। नए राज्य बनने के बाद जो अवसर पैदा हो रहे हैं उनमें उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना हम सबका दायित्व है।
0 पिछले आठ सालों की बात करें, तो आप क्या बदलाव देखते हैं?
00 सभी क्षेत्रों में लोगों की भागीदारी बढ़ी है, जागरुकता आई है।
0 आजकल जो लोग राजनीति में आ रहे हैं, वो कोई उद्देश्य लेकर आ रहे हैं या अपने भले के लिए आ रहे हैं? जो लोग आ रहे हैं उनका राजनीतिक शिक्षण हो पा रहा है, किस नजरिए से देखते हैं राजनीति की भावी पीढ़ी को?
00 अभी समाज-दुनिया में जो परिवर्तन आ रहा है, उसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में पड़ रहा है। आज हर व्यक्ति सभी क्षेत्रों में तेजी के साथ उपलब्धि चाहता है। राजनीति तो संघर्ष, जनांदोलन से लोग जब संगठन में काम करते हैं, निखरते हैं और जनता के बीच जब जाते हैं तब उसका स्वरूप दूसरा होता है। परिवर्तन से आप अपने आप को अलग तो नहीं रख सकते।
0 आप कुरूद के विधायक हैं, पांच साल से मंत्री हैं, सामने चुनाव हैं, अगर पार्टी आपको कुरुद से चुनाव लड़वाती है तो आप अपनी क्या उपलब्धियां बताना चाहेंगे जो आपने कुरुद की जनता के लिए किया है?
00 मैं यही कहना चाहता हूं कि यह प्रश्न आपको कुरुद की जनता से पूछना चाहिए। कुरुद में मैं आजकल कहता हूं कि अब हम सेकंड रिफार्म की तरफ बढ़ेंगे। कुरुद में सभी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी हो गई हैं। अब हम शिक्षा, रोजगार की ओर बढ़ेंगे। भावी पीढ़ी प्रदेश और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे। गांव में अस्पताल नहीं है, स्कूल नहीं है, सडक़ नहीं है, बिजली नहीं है, जितनी सिंचाई हो सकती थी उतनी सिंचाई, इन सब समस्याओं से लगभग मुक्त है। छोटी-मोटी समस्याएं हैं जैसे कभी-कभी बाढ़ आ जाने की समस्या है, लेकिन मूलभूत समस्याएं नहीं हैं। मैं हमेशा आगे बढऩे का आह्वान करता हूं। हमारे रहते छोटी-मोटी समस्याओं की चिंता करने की जरुरत नहीं है।
0 कुछ उपलब्धियां आंकड़ों में बताना चाहेंगे हैं?
00 सिंचाई पंप के लिहाज से देखें तो भारत का सर्वाधिक सुनिश्चित सिंचाई वाला क्षेत्र है वह। कई गांव ऐसे मिलेंगे जहां तीन-चार सौ पंप हैं। चार बांध के काम शुरु हो गए हैं। छह नए प्राथमिक अस्पताल खुले हैं। स्नातकोत्तर कॉलेज खुले। आईटीआई सेक्टर ऑफ एक्सीलेंस बने। एक नई आईटीआई बनी, एक नया कॉलेज खुला। ये तमाम चीजें हैं। एकाध वन मार्गों को छोड़क़र लगभग सभी गांव सडक़ से जुड़े हैं। गिनती के कुछ गांवों को छोडक़र सभी गांवों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो गई। हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। सभी स्कूलों में कामर्स-साइंस के विषय हैं। निश्चित लक्ष्यों के साथ कुरुद के परिवर्तन के लिए कोशिश की गई।
0 राज्य को किन-किन मामलों में पिछड़ा हुआ पाते हैं?
00 मैं दो चीजों में पिछड़ा मानता हूं। गरीबी उन्मूलन और मानव संसाधन।
0 आप आम आदमी से उठकर राज्य के कैबिनेट मंत्री बने। राजनीति में कैसे आना हुआ?
00 सार्वजनिक जीवन में तो मैं शुरू से था। नौकरी करना मेरा उद्देश्य कभी था ही नहीं। जनता के बीच काम करना शुरु से उद्देश्य था। विद्यार्थी जीवन से ही मैं भाजपा की विचारधारा के निकट था। राजनीति में जब काम करने का अवसर मिला तो मैंने स्वाभाविक रूप से भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की। जितनी संभावनाएं राजनीतिक क्षेत्र में जनता के लिए कार्य करने की है उतना किसी भी क्षेत्र में नहीं है। जनता के हितों के लिए जो कर सकते हैं, करते हैं। संघर्ष करना पड़े तो वो भी।
0 आप शुरू से सदस्य के रूप में भाजपा से जुड़े रहे या आपको एकाएक लाया गया?
00 नहीं, मैं शुरु से जुड़ा रहा हूं।
0 आप एक आम आदमी से कैबिनेट मंत्री तक पहुंचे। इतना लंबा समय, इतना लंबा संघर्ष। अब नौकर-चाकर हैं, बंगला है, गाड़ी-घोड़ा सब कुछ है। आम आदमी और मंत्री के बीच जो खाई है, उसे आप कैसे पाटते हैं?
00 आज आपने मेरे बंगले में देखा होगा कि मैं हर लोगों से मिला हूं उसके बाद आपसे मिला। सैंकड़ों की संख्या में लोग आते हैं। सबसे बड़ी खाई ये होती है कि लोगों में संवाद न हो पाए, मिलना मुश्किल हो, अपनी बात सत्ता के प्रतिष्ठानों तक नहीं पहुंचा पाए। कम से कम मेरे साथ तो ऐसा बिलकुल नहीं है। मैं सुबह के समय से जितने लोग मेरे घर से निकलने तक आते हैं उन सबसे निश्चय ही मिलता हूं। अपने क्षेत्र में भी भाषण की बजाय लोगों से बातचीत करना ज्यादा पसंद करता हूं, उनकी समस्याएं क्या हैं। जब अधिकारी साथ में होते हैं तो जो तत्काल हल करने वाले मुद्दे होते हैं तो उन्हें तत्काल हल भी करवाता हूं। ये सबसे महत्वपूर्ण बात है। लोगों की आवाज उस जगह तक पहुंचे जहां उनकी समस्याओं का निराकरण हो सकता है। इसका प्रयास मैं ईमानदारी के साथ करता हूं।
0 सुकून कहां से मिलता था। आम आदमी थे तब मिलता था या अब मंत्री हैं तब। मानसिक शांति कब मिलती है?
00 सुकून सबसे ज्यादा मिलता है कि लोग मेरे पास इलाज करवाने के लिए आते हैं, और जब कोई स्वस्थ होकर आकर बताता है कि मैं स्वस्थ हो गया हूं और आशीर्वाद देकर जाता है तब लगता है कि जो अवसर राजनीतिक जीवन में काम करने का मिला वो सफल हो गया।
0 आपने काफी नजदीक से आम जीवन और सरकार का काम और सिस्टम देखा है। सिस्टम में आपको क्या कमी दिखती है?
00 सिस्टम पर्याप्त है। सब लोगों ने सोच-विचारकर बनवाया है। लेकिन इसी सिस्टम में यदि निष्ठापूर्वक काम करें तो काफी काम किया जा सकता है। मैं सोचता हूं कि यदि किसी सरकार में यदि एक योजना चल रही है तो उसको कई विभाग न चलाएं। इन्टीग्रेटेड होना चाहिए। मान लीजिए गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम हैं, महिला सहायता या स्व सहायता समूह बनाना है तो उसे चार विभाग देख रहा है। उसे एक विभाग को देखना चाहिए । इन्टीग्रेटेड होना चाहिए। शिक्षा को देखें तो नगर निगम के पास भी शिक्षा है, पंचायत के पास भी शिक्षा है, शिक्षा विभाग के पास भी शिक्षा है, आदिम जाति कल्याण विभाग के पास भी शिक्षा है तो इससे नीति बनाने में और उसको संचालित करने में तकलीफ होती है। इससे परिणाम जैसे आने चाहिए वैसे नहीं आ पाते। मैं कहता हूं वाटर कन्जर्वेशन का काम। फॉरेस्ट विभाग भी करता है, एग्रीकल्चर विभाग भी करता है। रूरल डेव्लपमेंट भी करता है। तो ओवरऑल कितना रिजल्ट आया। तो इस तरह से सिस्टम में सब काम सरकार कर रही है लेकिन यदि इन्टीग्रेटेड रहें तो परिणाम और अच्छे आएंगे।
0 तो क्या आप ऐसे कुछ सुझाव सरकार को देते हैं?
00 ये सारी चीजें इस बार सरकार बनने के बाद होंगी।
0 डॉ. रमन सिंह का नेतृत्व आपको कैसा लगता है? उनका व्यक्तित्व?
00 मैंने अभी बातचीत में कहा कि वे सरल हृदय के और जो 24 घंटे छत्तीसगढ़ के विकास के बारे में सोचता हो, जो भी नए आइडिया मिले उसके मन में यह तत्परता रहती है कि इसे कैसे छत्तीसगढ़ के हितों के लिए लागू किया जाए। कैसे हम छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाए, और वे निरंतर सोचते रहते हैं और काम करते रहते हैं। इसी कारण से छत्तीसगढ़ को आगे बढऩे के लिए आगे बढ़ाने के लिए ठोस बुनियाद डाली गई है और उनके द्वारा किए गए कामों का परिणाम कुछ वर्षों में दिखेगा। जो संस्थाएं बनी हैं, जो एमओयू हुए हैं, सडक़ के काम इस स्तर पर जो शुरु हुए हैं। ओवरब्रिज के काम शुरु हुए हैं। गरीबी उन्मूलन का काम शुरू हुआ है। इन सभी के परिणाम कुछ दिनों में देखने को मिलेंगे तब लोग उन्हें छत्तीसगढ़ के विकास के इतिहास पुरुष के रूप में याद करेंगे।
0आप जिन-जिन विभागों के मंत्री हैं: पंचायत, ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा उसमें विपक्ष बराबर यह आरोप लगाता रहा है कि सरकार के जितने मंत्री हैं उनके विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार आपके विभाग में है?
00 इसमें दो-तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं। एक तो रोजगार गारंटी योजना हो या प्रधानमंत्री सडक़ योजना। ये दोनों विभाग मेरे पास हैं। वर्किंग डिपार्टमेंट के खिलाफ हमेशा आरोप लगे हैं कि ये काम नहीं हुए, इसमें गुणवत्ता नहीं है। जबसे लोकतंत्र बना है वर्किंग डिपार्टमेंट पर ये आरोप लगते रहे हैं। भ्रष्टाचार का जहां तक सवाल है एक दस्तावेज आज तक कांग्रेस या जो भी बोल रहे हैं वो उपलब्ध नहीं करा पाए हैं कि यहां पर भ्रष्टाचार हुआ है। पौने पांच साल तक विधानसभा में आज तक स्कूल शिक्षा, ग्रामीण विकास या पंचायती राज में ऐसा कोई मुद्दा प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं जिससे भ्रष्टाचार प्रमाणित होता हो। हवा में यदि कोई बात करे तो मैं समझता हूं कि इसका जवाब देना जरूरी नहीं। मैं चाहता हूं कि वे दस्तावेजों के साथ प्रमाणित करें कि इस तरह के भ्रष्टाचार हुए हैं और जहां भी अधिकारियों ने गड़बड़ी की वहां सबसे पहले हमने कार्रवाई की। कांकेर का घोटाला यदि वो बताते हैं तो सबसे पहले हमने कार्रवाई की और कांग्रेस ने उसको उद्घाटित नहीं किया बल्कि मैंने स्वयं संज्ञान लिया और कलेक्टर और सीईओ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की और आगे की जांच चल रही है। मैंने विधानसभा में घोषणा की है कि जो सरकारी नियम प्रक्रियाओं में अधिकतम कार्रवाई हो सकती है वो होगी, चाहे आदमी कितना ही बड़ा क्यों न हो। कांग्रेस अपनी पीठ थपथपाती है कि वहां घोटाला हुआ। अगर वो ये बात जानते तो बात समझ में भी आती।
0 आपके स्वभाव, बोलचाल के तरीकों के बारे में लोग ऊंगली उठाते रहे हैं। इस बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे ?
00 अभी तो मैं आपसे बातचीत कर रहा हूं, इसकी प्रतिक्रिया आपको छाप देनी चाहिए। आपने पूरी बातचीत में क्या महसूस किया। मैं आंदोलन से, संघर्ष से यहां तक आया हूं। मैं किसी की कृपा से यहां नहीं आया हूं। मेरे खिलाफ आज तक कोई आरोप नहीं मिला है। किसी तरह से लोग मुझे घेर नहीं पाए तो विरोधी लोग विभिन्न स्तरों में विभिन्न अवसरों पर निहायत व्यक्तिगत हमले करते रहते हैं। स्तरहीन, जिसमें दूर-दूर तक कोई सच्चाई नहीं है और मेरे राजनीतिक स्वभाव में व्यक्तिगत तौर पर हमले करना, विधानसभा में बिना सबूत के आरोप लगाना शामिल नहीं है। ये सब तथ्यहीन बाते हैं, भ्रामक प्रचार है। आरोप लगाना चाहिए हमेशा मुद्दों पर।
0 ऐसे क्यों करते हैं लोग ? आप पर ही आरोप क्यों लगाए जाते हैं?
00 आज तक उनको कोई मुद्दा नहीं मिल पाया इसलिए।
0 आपके कई बयानों पर बहुत बवाल मचा है, आपका एक बयान था कि सरकार बच्चे पैदा नहीं करती। इस बारे में क्या कहना चाहेंगे? इस तरह के बयान आप बोलना चाहते हैं या अनजाने में निकल जाते हैं या लोग इसका दूसरा अर्थ निकाल लेते हैं?
00 ये कुछ लोगों की मेरे खिलाफ साजिश है। मैं यहां परंपरागत बात नहीं बोलूंगा। मैं ये कहूंगा कि मेरे पूरे भाषण को जो बुद्धिजीवी हैं, उनको सुनना चाहिए जहां पर मैंने ये बात कही या नहीं कही है और उसके बाद प्रतिक्रिया दें और उसके बाद मुझसे बहस करें। तब मैं मानूंगा कि मेरी भावनाएं उचित हैं या प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों की भावनाएं उचित हैं। ये महत्वपूर्ण है। वो बहस का विषय है जो मैंने बात कही हैं।
0 इतना सब कुछ आपके स्वभाव, आपके विभाग के ऊपर आरोप लगते रहते हैं। आपके बोलचाल, बयानों पर हल्ला हो जाता है। आपकी वजह से भाजपा को चुनाव में कुछ नुकसान हो सकता है। इस बारे में आपका क्या सोचना है?
00 मैं यह हमेशा कहता हूं कि कांग्रेस पार्टी अचानक नींद से जागी है और उसको कुछ हाथ नहीं लगा तो बिना तथ्यों के हवाई हमले शुरु कर दी है। बिना सिर-पैर की बातों से किसी का नुकसान नहीं होता। लोग समझदार हैं, उनकी पांच साल की सक्रियता उन्होंने देखी है जनहित के मुद्दों पर। मैं यही कहता हूं कि ऐसी पूरी तरह असफल पार्टी अगर तथ्यहीन बात करेगी तो आज के समय में चलने वाली नहीं है। व्यक्तिगत जीवन, व्यक्तिगत बातों पर हमलों को तो कोई भी सभ्य समाज पसंद नहीं करता। इससे भाजपा को क्षति होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
0सीएम बनने की तमन्ना है क्या आपकी?
00 मै कोई भी महत्वकांक्षा नहीं पालता। पार्टी का जो निर्देश होता है। पार्टी जो ड्यूटी लगा दे, उसी को पूरी ईमानदारी से करने की कोशिश करता हूं।

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